- श्रीमती विजया किशोर रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की 9वीं अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके इस पदभार से उम्मीद की जा रही है कि वे महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी असाधारण नेतृत्व क्षमता और व्यापक अनुभव से नई ऊंचाइयों को हासिल करेंगी।
- महिला सशक्तिकरण के प्रति श्रीमती रहाटकर की प्रतिबद्धता उनके पूर्व के कार्यों से स्पष्ट होती है। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष (2016-2021) रहते हुए, उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं और पहल शुरू कीं। सक्षमा योजना के तहत एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए सहायता प्रदान की गई, वहीं प्रज्वला योजना ने स्वयं सहायता समूहों को केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ा।
- उन्होंने सुहिता के रूप में एक 24×7 हेल्पलाइन भी शुरू की, जिसका उद्देश्य महिलाओं को तत्काल सहायता प्रदान करना था।
- इसके अलावा, श्रीमती रहाटकर ने कानूनी सुधारों के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है, खासकर POCSO, ट्रिपल तलाक विरोधी सेल और मानव तस्करी विरोधी इकाइयों पर। उन्होंने डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रमों की शुरुआत की और महिलाओं के मुद्दों पर केंद्रित “साद” नामक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया, जो आज भी महिलाओं से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता फैलाती है।
- 2007 से 2010 तक छत्रपति संभाजीनगर की महापौर के रूप में कार्य करते हुए, श्रीमती रहाटकर ने स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का नेतृत्व किया।
- शैक्षिक रूप से, श्रीमती रहाटकर ने पुणे विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक और इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। लेखन के क्षेत्र में भी उनका योगदान सराहनीय रहा है। उन्होंने ‘विधिलिखित’ (महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर) और ‘औरंगाबाद: लीडिंग टू वाइड रोड्स’ जैसी किताबें लिखी हैं, जो उनके गहन ज्ञान और समाज के प्रति उनकी गहरी समझ को दर्शाती हैं।
- महिला सशक्तिकरण और समाज में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें राष्ट्रीय विधि पुरस्कार और सावित्रीबाई फुले पुरस्कार शामिल हैं, जो राष्ट्रीय साहित्यिक परिषद द्वारा प्रदान किए गए।
- इसके साथ ही, डॉ. अर्चना मजूमदार को भी राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है, जो आयोग के कार्यों को और अधिक प्रभावशाली बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगी।
