पेरिस समझौते से बाहर निकलने का विचार: अर्जेंटीना सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि वे पेरिस समझौते से बाहर निकलने पर विचार कर रहे हैं। यह निर्णय देश की जलवायु नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
कारण और प्रेरणा: अर्जेंटीना का यह कदम मुख्यतः आर्थिक दबाव, ऊर्जा सुरक्षा, और विकासशील देशों के रूप में उनके अपने जलवायु प्रतिबद्धताओं को संतुलित करने की कोशिशों के कारण हो सकता है। सरकार का कहना है कि वर्तमान समझौते उनकी आर्थिक वृद्धि में बाधा डाल रहे हैं।अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव: पेरिस समझौते से बाहर निकलने का निर्णय अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता का विषय बन सकता है। इससे अर्जेंटीना के साथ आर्थिक और पर्यावरणीय सहयोग पर भी प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उन देशों के साथ जो जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
पेरिस समझौता का परिचय: पेरिस समझौता 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP21) में अपनाया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक तापमान वृद्धि को 2°C से कम रखने का और संभवतः 1.5°C तक सीमित करने का है। इस समझौते में सदस्य देशों ने अपने उत्सर्जन को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्य निर्धारित किए हैं।