- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखी।
- पीएम मोदी ने केन-बेतवा नदी को जोड़ने वाली राष्ट्रीय परियोजना की आधारशिला रखी, जो राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत देश की पहली नदी जोड़ने वाली परियोजना है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे लाखों किसान परिवारों को लाभ होगा।
- उन्होंने 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों की आधारशिला रखी। ये भवन स्थानीय स्तर पर सुशासन की ओर ले जाने वाले ग्राम पंचायतों के कार्यों और जिम्मेदारियों के व्यावहारिक संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- इसके अलावा, पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया।
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट विश्व की सबसे बड़ा 600 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पार्क पॉवर प्लांट ओंकारेश्वर जलाशय पर बनाया जा रहा है। यह स्टेट ऑफ आर्ट परियोजना से हरित ऊर्जा उत्पन्न होने के साथ पर्याटन को बढ़ावा देने एवं उपयोगी भूमि के बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी और 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के सरकार के मिशन में योगदान देगी। यह जल वाष्पीकरण को कम करके जल संरक्षण में भी मदद करेगी। |
केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना भारत की पहली नदी जोड़ो परियोजना केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना है। केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच वर्ष 2005 में अनुबंध हुआ था। तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों राज्यों के बीच वर्ष 2021 में समझौता हुआ। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा केंद्र सरकार के द्वारा इस परियोजना का खर्च वहन किया जा रहा है। इस परियोजना में केंद्र सरकार 90% राशि देगी। दोनों राज्य सरकारों को कुल लागत की 5-5% राशि देनी होगी। इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला के दोधन नामक स्थान पर बांध बनाया जा रहा है। इस बहुउद्देशीय परियोजना से लगभग 811000 हे. क्षेत्र सिंचित होगा, जिसमें से 4.47 लाख हे. मध्यप्रदेश और 2.06 लाख हेक्टेयर उत्तर प्रदेश की भूमि सिंचित होगी। इस परियोजना मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, विदिशा, सागर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन जबकि उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा, झांसी और ललितपुरजिले होंगे लाभान्वित होंगे। इस परियोजना से लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल, 103 मेगावाट जल-विद्युत का उत्पादन एवं सौर ऊर्जा का उत्पादन भी किया जाएगा। यहां उत्पादित बिजली मध्य प्रदेश के हिस्से में जाएगी। केन पर दौघन बांध इस प्रोजेक्ट के तहत बनेगा, जिसे बेतवा पर बरूआ सागर से जोड़ा जाएगा। केन बेतवा लिंक परियोजना मध्यप्रदेश के पन्ना राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरेगी। |
नदी जोड़ो परियोजना भारत में सर्वप्रथम आर्थर कॉटन ने भारत में प्रमुख नदियों (ब्रिटिश इंजीनियर, मद्रास प्रेसीडेन्सी) को परस्पर जोड़ने का प्रस्ताव किया। इंजीनियर एवं केन्द्रीय मंत्री के. एल. राव ने नदियों को जोड़कर “नेशनल वाटर ग्रीड” बनाने का प्रस्ताव किया। विशेषकर गंगा-कावेरी इंटरलिंक से इसको शुरू करने को कहा। भारत सरकार ने अनेक कमेटियों को गठित किया, किंतु केन्द्र सरकार द्वारा इस पर 2015 के बाद ही ठोस निर्णय लिया गया। अब राज्य स्वयं की अपने भीतर तथा परस्पर अन्य राज्यों से मिलकर नदियों को जोड़ने पर काम कर रहे हैं। नेशनल वॉटर डेवलेपमेंट एजेंसी (NWDA) के द्वारा देश की महत्वकांक्षी नदी जोड़ों परियोजना के अंतर्गत देश की 20 नदियों को जोड़े जाने की योजना के रूप में चिन्हित किया गया है। |
- वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर रेलवे ने टिकट और सिक्के जारी किए।
अटल बिहारी वाजपेयी
- अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। 16 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। अटल बिहारी वाजपेयी भारत के 10वें प्रधानमन्त्री थे। अटल देश के पहले गैर कांग्रेसी PM थे। ये 3 बार प्रधानमंत्री चुने गये –
- 16 मई 1996 – 1 जून 1996 तक (13 दिन के लिए)
- 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 (8 महीने के लिए)
- 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक
- वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे।
- आप हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। आपने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र) और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
- आप दो बार राज्यसभा के लिए तथा 10 बार लोकसभा के लिए चुने गए।
- अपने 2005 में राजनीति से संन्यास ले लिया।
- सर्वतोमुखी विकास के लिये किये गये योगदान तथा असाधारण कार्यों के लिये 2015 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
कार्य
- भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाना – अटल सरकार ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश घोषित कर दिया। इस कदम से उन्होंने भारत को निर्विवाद रूप से विश्व मानचित्र पर एक सुदृढ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। यह सब इतनी गोपनीयता से किया गया कि अति विकसित जासूसी उपग्रहों व तकनीक से सम्पन्न पश्चिमी देशों को इसकी भनक तक नहीं लगी। यही नहीं इसके बाद पश्चिमी देशों द्वारा भारत पर अनेक प्रतिबन्ध लगाए गए लेकिन वाजपेयी सरकार ने सबका दृढ़तापूर्वक सामना करते हुए आर्थिक विकास की ऊँचाईयों को छुआ।
- पाकिस्तान से सम्बन्धों में सुधार की पहल – 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की गई।
- स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना – भारत भर के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना (गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल प्रोजैक्ट) की शुरुआत की गई। इसके अन्तर्गत दिल्ली, कलकत्ता, चेन्नई व मुम्बई को राजमार्गों से जोड़ा गया।
लेखक के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी
- मेरी इक्यावन कविताएँ अटल जी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है।
- उनकी सर्वप्रथम कविता ताजमहल थी।
उनकी कुछ अन्य प्रमुख प्रकाशित रचनाएँ इस प्रकार हैं –
- रग-रग हिन्दू मेरा परिचय
- मृत्यु या हत्या
- अमर बलिदान (लोक सभा में अटल जी के वक्तव्यों का संग्रह)
- कैदी कविराय की कुण्डलियाँ
- संसद में तीन दशक
- अमर आग है
- कुछ लेख: कुछ भाषण
- सेक्युलर वाद
- राजनीति की रपटीली राहें
- बिन्दु बिन्दु विचार, इत्यादि।
Note- भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।