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प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री के. एस. मणिलाल का निधन

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  • प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित कट्टुंगल सुब्रह्मण्यम मणिलाल का 86 वर्ष की आयु में त्रिशूर में आयु-संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वनस्पति विज्ञान, केरल के इतिहास और संस्कृति में उनके योगदान की सराहना की।
  • के एस मणिलाल को लैटिन भाषा के ग्रन्थ “हॉर्टस मालाबारिकस” का अंग्रेजी और मलयालम में अनुवाद करने के लिए जाना जाता है।
  • उन्होंने 11 पुस्तकें और 200 से अधिक शोध पत्र लिखे। जिनमें फ्लोरा ऑफ़ कालीकट (1982), फ्लोरा ऑफ़ साइलेंट वैली (1988), बॉटनी एंड हिस्ट्री ऑफ़ हॉर्टस मालाबारिकस (1980), और हॉर्टस मालाबारिकस एंड द सोशियो-कल्चरल हेरिटेज ऑफ़ इंडिया (2012) जैसी उल्लेखनीय रचनाएँ शामिल हैं। उनके अध्ययनों से 19 नई पौधों की प्रजातियों की खोज हुई, जिनमें से चार प्रजातियों का नाम उनके सम्मान में रखा गया। 
  • डॉ. मणिलाल को अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए, जिनमें विश्वम्भर पुरी पदक (1990), वाई.डी. त्यागी स्वर्ण पदक (1998) और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से ई.के. जानकी अम्मल टैक्सोनॉमी पुरस्कार (2003) शामिल हैं।
  • वनस्पति विज्ञान में उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें 2020 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
  • उनके अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों में नीदरलैंड का Officer of the Order of Orange-Nassau पुरस्कार शामिल है, जिसे 2012 में क्वीन बीट्रिक्स द्वारा प्रदान किया गया था, जिससे वे यह सम्मान पाने वाले पहले एशियाई बन गए।

हॉर्टस मालाबारिकस (Hortus Malabaricus)

  • हॉर्टस मालाबारिकस 17वीं सदी का लैटिन वनस्पतिशास्त्रीय ग्रंथ है, जिसमें मालाबार तट की वनस्पतियों की किस्मों और औषधीय गुणों का दस्तावेजीकरण किया गया है।
  •  यह ग्रंथ इट्टी अचुडन (Itty Achudan) द्वारा पहले किए गए दस्तावेजीकरण पर आधारित था। इसे 1669 से 1676 तक डच मालाबार के गवर्नर हेंड्रिक वैन रीडे (Hendrik van Rheede) द्वारा 12 खंडों में संकलित किया गया था।

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