- प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) द्वारा ‘400 मिलियन ड्रीम्स!’ शीर्षक से किए गए अध्ययन के हालिया आंकड़ों से भारत में ग्रामीण से शहरी प्रवास में कमी का संकेत मिलता है।
- रिपोर्ट में 2011 की तुलना में 5.4 मिलियन प्रवासियों या 11.8 प्रतिशत की कमी का खुलासा किया गया है। इस गिरावट के लिए विभिन्न कारकों जैसे- बेहतर सरकारी सेवाएं और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर आर्थिक अवसरों को जिम्मेदार माना गया है।
पिछले कुछ वर्षों में प्रवास प्रतिरूप
- भारत में प्रवास दर 2011 में 37.6 प्रतिशत से घटकर 2023 में 28.9 प्रतिशत हो गई है।
- आर्थिक कारणों से पलायन करने वाले श्रमिकों की संख्या घटकर कुल कार्यबल का केवल 6.7 प्रतिशत है। यह 1991 और 2001 में 8.2 प्रतिशत और 2001 से 2011 में 9.3 प्रतिशत थी।
- कार्यबल 1.8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा है, जबकि प्रवास 1 प्रतिशत की दर से घटा है।
प्रवास में कमी को प्रभावित करने वाले कारक
- अध्ययन से पता चलता है कि बेहतर बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बेहतर सरकारी सेवाओं ने प्रवास में कमी लाने में योगदान दिया है। हालाँकि, इस दावे की वास्तविकता संदिग्ध है, क्योंकि डेटा इन सुधारों के बावजूद श्रम में कमी दर्शाता है।
- ग्रामीण विद्युतीकरण ने प्रवास को कम
- पीएम आवास योजना
- रेलवे टिकट डेटा का उपयोग करते हुए, रिपोर्ट में चरम महीनों के दौरान महामारी के बाद के प्रवास में 6.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। गैर-उपनगरीय रेल यात्रियों non-suburban railway passengers की संख्या में भी कमी आई है, जो आर्थिक प्रवास में कमी का संकेत देता है।
शहरी-ग्रामीण प्रेषण पैटर्न Rural urban Remittance Patterns
- रिपोर्ट शहरी-ग्रामीण प्रेषण का आकलन करने के लिए बचत खाते से चालू खाते (SA/CA) अनुपात का विश्लेषण करती है। उच्च SA/CA अनुपात आउटबाउंड प्रवास वाले क्षेत्रों को इंगित करते हैं, जबकि कम अनुपात उच्च आर्थिक गतिविधि को दर्शाते हैं।
- मुंबई और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में अनुपात कम है, जो बिहार जैसे ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक आर्थिक गतिविधि का सुझाव देता है, जिसका उच्च अनुपात 10.14 है।
ग्रामीण अवसंरचना और प्रवास
यह दावा कि ग्रामीण विद्युतीकरण ने प्रवास को कम किया है, विवादास्पद है। ऐतिहासिक डेटा वित्त वर्ष 2001 से विद्युतीकरण में न्यूनतम वृद्धि दर्शाता है। पीएम आवास योजना-ग्रामीण के तहत ग्रामीण आवास निर्माण की गति भी मामूली रही है, जो यह दर्शाता है कि बेहतर बुनियादी ढांचे ने प्रवास के रुझानों को प्रभावित नहीं किया है।
आर्थिक मंदी और प्रवास
- रिपोर्ट बताती है कि प्रवास में गिरावट शहरीकरण के बजाय ग्रामीणीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है।
- कृषि पर निर्भरता बढ़ी है, जिससे छिपी हुई बेरोजगारी और ग्रामीण मजदूरी स्थिर हो गई है।
- आर्थिक गतिविधियों में मंदी और बढ़ते स्वचालन ने इस प्रवृत्ति में योगदान दिया है।
भविष्य की नीतियों के लिए निहितार्थ
- प्रवास में कमी से पता चलता है कि ऐसी नीतियों की आवश्यकता है जो राजकोषीय उपायों या रोजगार सृजन कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण आय का समर्थन करें।
- विभिन्न परिवहन साधनों में श्रमिकों की आवाजाही में ठहराव एक व्यापक आर्थिक चुनौती का संकेत देता है, जिसके लिए विकास और प्रवास को प्रोत्साहित करने के लिए लक्षित हस्तक्षेप की आवश्यकता है।