विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट: पारंपरिक चिकित्सा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का अनुप्रयोग

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट: पारंपरिक चिकित्सा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का अनुप्रयोग

  • WHO द्वारा जारी एक तकनीकी रिपोर्ट ‘Application of Artificial Intelligence (AI) in Traditional Medicine’ में पारंपरिक चिकित्सा में AI के प्रयोग को लेकर भारत के योगदान को सराहा गया है।
  • रिपोर्ट में बताया गया कि भारत पारंपरिक चिकित्सा में AI को एकीकृत करने वाला अग्रणी देश है।
  • भारत का दृष्टिकोण सभी के लिए AI” (AI for All) डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार और पारंपरिक चिकित्सा के समन्वय में उसकी ‘वैश्विक नेतृत्व क्षमता’ को दर्शाता है।

भारत की मान्यता प्राप्त पहलें (Recognized Initiatives of India)*

  1. आयुर्जेनोमिक्स (Ayurgenomics)
  2. यह एक वैज्ञानिक प्रयास है जो आयुर्वेद और जीनोमिक्स (genomics) को जोड़ता है।
  3. इसका उद्देश्य व्यक्तिगत स्वास्थ्य सिफारिशें देना और रोगों के पूर्व संकेतकों की पहचान करना है
  4. यह व्यक्तिकृत चिकित्सा (Personalized Medicine) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  5. पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (TKDL)
  6. TKDL की स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी।
  7. इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) तथा आयुष मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया।
  8. यह एक डिजिटल डेटाबेस है जो भारतीय पारंपरिक ज्ञान जैसे आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, आदि को दुरुपयोग और गलत पेटेंट से बचाने में मदद करता है
  9. यह वैश्विक पेटेंट कार्यालयों को संदिग्ध या अनुचित पेटेंट को रोकने में सहायता करता है।
  10. आयुष ग्रिड (AYUSH Grid)
  11. आयुष मंत्रालय द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है।
  12. इसके अंतर्गत निम्नलिखित AI-सक्षम नागरिक सेवाएँ शामिल हैं:
  13. SAHI (Showcase Ayurvedic Historical Imprints): यह पारंपरिक चिकित्सा के ऐतिहासिक दस्तावेजों को डिजिटाइज़ करता है।
  14. NAMASTE (National AYUSH Morbidity and Standardized Terminologies Electronic Portal): यह रोगों और चिकित्सा शब्दावली का डिजिटलीकरण करता है।
  15. AYUSH Research Portal: यह अनुसंधान-आधारित डेटा और परिणामों को डिजिटल रूप में संग्रहित करता है।

पारंपरिक चिकित्सा में AI के प्रयोग (Application of AI in Traditional Medicine)

  • भारत में AI का प्रयोग पारंपरिक औषधियों की प्रभावशीलता को ट्रैक करने और उनके असर के मार्गों का विश्लेषण करने के लिए किया जा रहा है।
  • आधुनिक तकनीक जैसे कृत्रिम सेंसर का प्रयोग करके पारंपरिक चिकित्सा की अवधारणाओं जैसे – रस (स्वाद), गुण (विशेषताएँ), वीर्य (शक्ति या प्रभाव) का विज्ञानसम्मत विश्लेषण किया जा रहा है।
  • AI का उपयोग रोगी की प्रकृति, लक्षणों और पारंपरिक ज्ञान के आधार पर *व्यक्तिगत उपचार योजना बनाने में हो रहा है।

Leave a Reply

About Company

Breakfast procuring nay end happiness allowance assurance frankness. Met simplicity nor difficulty unreserved allowance assurance who.

Most Recent Posts

  • All Posts
  • अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम
  • आर्थिक परिदृश्य
  • इतिहास, कला एवं संस्कृति
  • चर्चित स्थल
  • न्यायिक घटनाक्रम
  • पर्यावरण एवं स्वास्थ्य
  • भौगोलिक घटनाएं
  • राज्य विशेष
  • राष्ट्रीय घटनाक्रम
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
  • विविध
  • सामाजिक मुद्दे
    •   Back
    • उत्तरप्रदेश
    • मध्यप्रदेश
    • उत्तराखण्ड
    • राजस्थान
    • बिहार
    • हरियाणा
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    •   Back
    • खेलकूद
    • नियुक्तियाँ
    • निधन
    • महत्वपूर्ण पुस्तकें
    • कार्यक्रम
    • पुरस्कार
    • महत्वपूर्ण दिवस

Category

Tags

We Are Provide All Govt. Examanation  Classes  STATE PSC EXAM, ASSISTANT PROFESSOR EXAM, UGC / NTA NET-JRF EXAM, PGT/TGT EXAM

Support

FAQs

Download Our App

AARAMBH INSTITUTE © 2024 Created with Desing & Develped By ITes Expert

Scroll to Top