
चर्चा में क्यों?
- 24 से 28 अगस्त 2025 तक स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में विश्व जल सप्ताह का आयोजन हुआ।
- इस दौरान राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) को नदी पुनर्जीवन और समुदाय-आधारित प्रयासों के लिए वैश्विक प्रेरणा के रूप में मान्यता दी गई।
विश्व जल सप्ताह
- इसकी शुरुआत 1991 में हुई और इसका आयोजन स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय जल संस्थान (SIWI) करता है।
- यह कार्यक्रम जल प्रबंधन से जुड़ी जानकारी, समाधान और प्रतिबद्धताओं के आदान-प्रदान का प्रमुख मंच है।
- 35वाँ विश्व जल सप्ताह 2025 का विषय था – “जलवायु कार्रवाई हेतु जल”, जिसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने और सतत् विकास में जल की भूमिका पर चर्चा की गई।
भारत की भूमिका:
- इस सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने “नदी शहरों की पुनर्कल्पना: जलवायु-स्मार्ट और बेसिन-केंद्रित शहरी विकास” सत्र में भाग लिया।
- इस सत्र में बताया गया कि नदी-केंद्रित शहरी नियोजन से जलवायु-लचीले शहर बनाए जा सकते हैं।
- यहाँ बेसिन-केंद्रित दृष्टिकोण और सतत शहरी नियोजन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया।
- इस सत्र का नेतृत्व NMCG, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) और GIZ (जर्मनी आधारित संस्था) ने संयुक्त रूप से किया।
नमामि गंगे मिशन:
- गंगा और उसकी सहायक नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए भारत सरकार की यह प्रमुख योजना है।
- इसका उद्देश्य प्रदूषण घटाना, जल की गुणवत्ता सुधारना और नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्स्थापित करना है।
- इस योजना में हाइब्रिड-एन्यूटी-मॉडल (HAM) अपनाया गया है, जिसके तहत चयनित संस्था द्वारा शोधन संयंत्र (STP) बनाए, चलाए और संभाले जाते हैं।
- परियोजना लागत का 40% निर्माण के बाद और बाकी 60% परियोजना अवधि में दिया जाता है।
भारत जल सप्ताह (IWW):
- भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने 2012 में इसकी शुरुआत की।
- यह हर दो वर्ष में आयोजित किया जाता है।
- इसका उद्देश्य जल प्रबंधन की चुनौतियों का समाधान खोजना और जल से संबंधित तकनीकों व प्रक्रियाओं में नवाचार को बढ़ावा देना है।
- अब यह वैश्विक जल कूटनीति का एक प्रमुख मंच बन चुका है, जहाँ संवाद, नवाचार और ज्ञान का आदान-प्रदान होता है।