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ग़ाज़ा में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में वृद्धि

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  • ग़ाज़ा में हाल ही में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ बढ़ी हैं।
  • गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral Nervous System) पर हमला करती है। यह तंत्रिका तंत्र मांसपेशियों की गति, दर्द, तापमान और स्पर्श की संवेदनाओं को नियंत्रित करता है।
  • इसे Acute Inflammatory Demyelinating Polyradiculoneuropathy (AIDP) भी कहा जाता है।
  • यह रोग सामान्यतः 30 से 50 वर्ष की आयु के लोगों को प्रभावित करता है और अक्सर किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, टीकाकरण या सर्जरी के बाद उत्पन्न होता है।

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