ICMR एक नई काइमेरिक मलेरिया वैक्सीन एडफाल्सीवैक्स विकसित कर रही है।
एडफाल्सीवैक्स मलेरिया वैक्सीन
- यह वैक्सीन मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के दो चरणों को लक्षित करती है: प्री-एरिथ्रोसाइटिक स्टेज (यकृत चरण) सेक्सुअल स्टेज (रोग संचरण से जुड़ा चरण)
- इसे LACTOCOCCUS LACTIS नामक सुरक्षित खाद्य-स्तर के जीवाणु से तैयार किया गया है।
- इसका उद्देश्य मलेरिया से सुरक्षा देना और उसके संचरण को रोकना है।
- यह वैक्सीन ‘मेक इन इंडिया’ पहल और मलेरिया उन्मूलन लक्ष्य के अनुकूल है।
- काइमेरिक वैक्सीन में विभिन्न स्रोतों की आनुवंशिक सामग्री को मिलाकर एक हाइब्रिड संरचना बनाई जाती है।
मलेरिया रोग की जानकारी
- मलेरिया एक परजीवी रोग है, जो मादा एनोफिलीज मच्छर से फैलता है।
- यह पहले लिवर और फिर लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है।
- लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, थकान और सिरदर्द शामिल हैं।
- यह रोग पूरी तरह रोके और उपचारित किया जा सकता है।
मलेरिया वैक्सीन और इलाज
- RTS.S और R21/MATRIX-M वैक्सीनें बच्चों में मलेरिया रोकथाम के लिए प्रभावी हैं।
- प्रमुख औषधियाँ: क्लोरोक्वीन और आर्टेमिसिनिन।
- यूयू टू (YOUYOU TU) को आर्टेमिसिनिन की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।
भारत में मलेरिया की स्थिति (2024)
- भारत में मलेरिया के मामले 2015 में 11.69 लाख से घटकर 2023 में 2.27 लाख हो गए।
- वर्ष 2024 में भारत WHO की HBHI (HIGH BURDEN TO HIGH IMPACT) सूची से बाहर हो गया है।
- यह उपलब्धि 2030 तक मलेरिया उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
