जिज्ञासा या रणनीति? किलर व्हेल का असामान्य व्यवहार

जिज्ञासा या रणनीति? किलर व्हेल का असामान्य व्यवहार

  • समुद्रों में हाल ही में एक अनोखी प्राकृतिक घटना देखी गई है। किलर व्हेल (Orcinus orca), जो डॉल्फ़िन परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति है, इंसानों के पास ताज़ा शिकार लेकर आती हैं और प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करती हैं। यह असामान्य व्यवहार Journal of Comparative Psychology में प्रकाशित एक अध्ययन का विषय बना है।
  • कनाडा के बे सेटोलॉजी संस्थान के समुद्री जीवविज्ञानी जारेड टावर्स की व्यक्तिगत घटनाओं से प्रेरित इस शोध में 2004 से 2024 तक पाँच महासागरीय क्षेत्रों से आंकड़े एकत्र किए गए। शोध में उन्हीं मामलों को शामिल किया गया जहां व्हेल ने स्वेच्छा से इंसानों के पास आकर शिकार छोड़ा और कम से कम 15 मीटर की दूरी बनी रही।
  • कुल 34 घटनाओं में से 33 में व्हेल ने इंसानी प्रतिक्रिया का इंतजार किया। उनके द्वारा दिए गए शिकार में मछली, समुद्री शैवाल, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारी शामिल थे। अधिकतर मामलों में जब इंसानों ने शिकार नहीं लिया, तो व्हेल ने उसे अपने समूह में बाँट लिया।
  • कुछ विशेषज्ञ इसे खेल मानते हैं, लेकिन अध्ययन के अनुसार इसमें वयस्क और किशोर दोनों व्हेल शामिल थीं और लगभग आधे मामलों में शिकार बिल्कुल ताज़ा था। इस आधार पर शोधकर्ताओं का मानना है कि यह उनके अन्वेषणात्मक व्यवहार का हिस्सा है- अपने परिवेश और अन्य प्राणियों को समझने का प्रयास।
  • किलर व्हेल का मस्तिष्क बड़ा और जटिल होता है, जिससे उनकी बुद्धिमत्ता और सामाजिक समझ उच्च स्तर की होती है। वे मातृसत्तात्मक समूहों में रहती हैं और समूह का व्यवहार अक्सर सबसे उम्रदराज मादा के स्वभाव से प्रभावित होता है। यदि मादा मिलनसार और जिज्ञासु हो, तो पूरा समूह वैसा ही व्यवहार करता है।
  • कई घटनाओं में जब इंसानों ने शिकार वापस लौटाया, तो व्हेल ने तुरंत प्रतिक्रिया दी—जैसे वे इंसानी पसंद-नापसंद समझने की कोशिश कर रही हों। टावर्स का मानना है कि यह “वैज्ञानिक सोच” का संकेत है, जिसमें प्रश्न पूछना और उत्तर खोजना शामिल है। हालाँकि, वे यह भी याद दिलाते हैं कि किलर व्हेल चालाकीपूर्ण व्यवहार भी करती हैं, जैसे फिशिंग लाइनों से मछली चुराना।
  • इस अध्ययन के लिए अधिकतर डेटा शौकिया पर्यवेक्षकों ने उपलब्ध कराया, जिसे वैज्ञानिकों ने नागरिक विज्ञान का महत्वपूर्ण योगदान बताया। जनता की भागीदारी से दुर्लभ घटनाओं का रिकॉर्ड बन पाता है और शोध को नया आयाम मिलता है।

निष्कर्ष:

  • किलर व्हेल का यह व्यवहार उनके जिज्ञासु और संवादप्रिय स्वभाव का संकेत है। यह दिखाता है कि वे केवल शिकारी नहीं बल्कि संवेदनशील और सामाजिक प्राणी भी हैं। यदि इंसान इस संबंध को समझे और महत्व दे, तो समुद्री संरक्षण प्रयासों को नया बल मिल सकता है। जैसा कि टावर्स कहते हैं, “लोग उन्हीं चीज़ों की रक्षा करते हैं जिनसे वे जुड़ाव महसूस करते हैं। किलर व्हेल शायद यही जुड़ाव बनाने की कोशिश कर रही हैं।
नोट- बे सेटोलॉजी एक संस्था है जो व्हेल (सीटासियन) के संरक्षण और समझने पर केंद्रित है।

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