- भारत के राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए चार विशिष्ट व्यक्तियों को नामांकित किया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के अंतर्गत, राष्ट्रपति राज्यसभा में अधिकतम 12 सदस्यों को नामांकित कर सकते हैं, जो साहित्य, विज्ञान, कला या सामाजिक सेवा के क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखते हों।
राज्यसभा राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें से 238 सदस्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं, जबकि 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किए जाते हैं। वर्तमान में, राज्यसभा की सदस्य संख्या 245 है, जिसमें से 233 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं। |
- राष्ट्रपति द्वारा जिन चार व्यक्तियों को नामांकित किया गया है, वे हैं – हर्षवर्धन श्रृंगला, उज्ज्वल निकम, मीनाक्षी जैन, और सी. सदानंदन मास्टर।
- हर्षवर्धन श्रृंगला
- हर्षवर्धन श्रृंगला एक अनुभवी राजनयिक और भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 1984 बैच के अधिकारी हैं।
- वे भारत के पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं और उन्होंने अमेरिका, थाईलैंड में भारत के राजदूत और बांग्लादेश में उच्चायुक्त के रूप में भी कार्य किया है।
- वर्ष 2019 में हुए “हाउडी मोदी” कार्यक्रम की सफलता में उनकी प्रमुख भूमिका रही।
- वे भारत की G20 अध्यक्षता (2023) के मुख्य समन्वयक भी रहे हैं।
- उन्हें रणनीतिक मामलों, बहुपक्षीय कूटनीति और विदेश नीति-निर्माण में विशेष ज्ञान के लिए जाना जाता है।
- उज्ज्वल निकम
- उज्ज्वल निकम एक वरिष्ठ और प्रसिद्ध विशेष लोक अभियोजक हैं।
- उन्होंने कई प्रमुख मामलों में अभियोजन पक्ष का नेतृत्व किया है, जैसे:
- 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला
- 1993 बॉम्बे बम विस्फोट
- खैरलांजी नरसंहार
- उन्हें आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख, न्याय के प्रति समर्पण और अदालत में अपने सशक्त तर्कों के लिए जाना जाता है।
- उनका कार्य न्याय प्रणाली की मजबूती का एक उदाहरण माना जाता है।
- मीनाक्षी जैन:
- मीनाक्षी जैन दिल्ली विश्वविद्यालय की इतिहास की पूर्व प्रोफेसर हैं, जिनका शिक्षण अनुभव 30 वर्षों से अधिक का है।
- वे NCERT की मध्यकालीन इतिहास की पुस्तक की प्रमुख लेखिका रही हैं।
- उन्हें वर्ष 2020 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वे भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) की सदस्य और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) से भी जुड़ी रही हैं।
- भारतीय सभ्यता, धार्मिक पहचान और वैकल्पिक इतिहास लेखन में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
- सी. सदानंदन मास्टर
- सी. सदानंदन मास्टर एक पूर्व शिक्षक, स्तंभकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो केरल से आते हैं।
- वर्ष 1994 में एक हिंसक राजनीतिक हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके चलते वे शारीरिक रूप से अक्षम हो गए।
- इसके बावजूद उन्होंने सामाजिक कार्यों में अपनी सक्रिय भूमिका बनाए रखी और जीवन पर्यंत जनसेवा को समर्पित रहे।
- वे समाज में साहस, धैर्य और पुनर्निर्माण की प्रेरक मिसाल के रूप में देखे जाते हैं।
राज्यसभा को प्राप्त विशेष संवैधानिक शक्तियाँ
- अनुच्छेद 249 के अंतर्गत राज्यसभा, संसद को राज्य सूची में कानून बनाने की अनुमति दे सकती है।
- अनुच्छेद 312 के तहत राज्यसभा अखिल भारतीय सेवाओं के निर्माण की अनुशंसा कर सकती है।
(नोट- उपरोक्तन दोनों मामलों में राज्यसभा में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का दो-तिहाई बहुमत आवश्यक होता है।) राज्यसभा का यह अधिकार संघवाद की भावना को सशक्त बनाता है।