
- रेमन मैग्सेसे फाउंडेशन ने यह सम्मान Safeena Husain द्वारा स्थापित ‘एजुकेट गर्ल्स’ NGO को दिया है, जिसके माध्यम से लड़कियों और युवा महिलाओं की शिक्षा के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया गया है।
- ‘एजुकेट गर्ल्स’ वह पहली भारतीय गैर-सरकारी संस्था बन गई है जिसने यह प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड जीता है, जो एशिया का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।
- Safeena Husain ने यह पहल 2007 में राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों से शुरू की थी। उनका उद्देश्य था कि हर लड़की स्कूल जाए और अपनी पढ़ाई पूरी कर सके।
- Safeena Husain ने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स (LSE) से पढ़ाई की। इसके बाद वे अमेरिका, सैन फ्रांसिस्को में रह रही थीं, लेकिन 2005 में भारत लौट आईं, ताकि वे ग्रामीण लड़कियों की शिक्षा और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें।
- ‘एजुकेट गर्ल्स’ NGO ने अब तक 11 लाख से अधिक लड़कियों को स्कूल में नामांकित करवाया है और पूरे देश में लगभग 1.5 करोड़ लोगों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- यह NGO सिर्फ लड़कियों को स्कूल भेजने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि वे स्कूल में नियमित रूप से पढ़ाई जारी रखें और पढ़ाई पूरी करें। इसके साथ ही, यह “लड़कियों को पढ़ाने की जरूरत नहीं” जैसी रूढ़िवादी सोच को भी चुनौती देता है।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
- रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, जिसे प्रायः “एशिया का नोबेल पुरस्कार” कहा जाता है, एशिया के उन व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रदान किया जाता है जिन्होंने सार्वजनिक सेवा, सामुदायिक नेतृत्व, तथा पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो।
- इस पुरस्कार की स्थापना 1957 में फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की स्मृति में की गई थी, जिनकी नेतृत्व क्षमता, ईमानदारी और जनता के प्रति सेवा भाव को सम्मानित करने के उद्देश्य से यह पुरस्कार प्रारंभ किया गया।
पुरस्कार स्वरूप:
- प्रत्येक विजेता को एक प्रमाण पत्र और एक पदक प्रदान किया जाता है, जिसमें रेमन मैग्सेसे की छवि अंकित होती है।
भारतीय विजेता और उनके क्षेत्र:
- अब तक 55 से अधिक भारतीयों को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुका है। विजेताओं का चयन रेमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन के न्यासी बोर्ड द्वारा किया जाता है। कुछ प्रमुख भारतीय विजेता निम्नलिखित हैं:
- विनोबा भावे (1958) – सामुदायिक नेतृत्व
- मदर टेरेसा (1962) – शांति और अंतर्राष्ट्रीय समझ
- अरुणा रॉय (2000) – सामुदायिक नेतृत्व
- अरविंद केजरीवाल (2006) – सामुदायिक नेतृत्व
- सोनम वांगचुक (2018) – सामुदायिक नेतृत्व
- रवीश कुमार (2019) – पत्रकारिता
- डॉ. आर. रवि कन्नन (2023) – चिकित्सा सेवा
67वें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार-2025 | ||
67वें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार-2025 के लिए तीन पुरस्कार विजेता हैं- | ||
नाम | देश | विवरण |
एजुकेट गर्ल्स (NGO) | भारत | Safeena Husain द्वारा स्थापित ‘एजुकेट गर्ल्स’ NGO को दिया है। इस प्रतिष्ठित सम्मान को प्राप्त करने वाली पहली भारतीय संस्था है। |
शाहिना अली | मालदीव | |
फ्लावियानो एंटोनियो एल. विलानुएवा (पादरी) | फिलीपींस |