चर्चा मे क्यों?
- 30 दिसंबर 2024 को, नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने K2-18 b के बारे मे बताया की यह एक अधिवास योग्य है। आगे बताया की यहाँ तरल जल और जीवन के लिए संभावित परिस्थितियों उपस्थित हो सकती हैं।
एक्सोप्लानेट K2-18 b के बारे में
- K2-18 b एक सुपर अर्थ एक्सोप्लैनेट है, जो M-टाइप तारे की परिक्रमा करता है।
- इसकी खोज की घोषणा 2015 में की गई थी।
- एक्सोप्लानेट K2-18 b पृथ्वी से 124 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है। इसका त्रिज्या पृथ्वी से 2.6 गुना अधिक है, और द्रव्यमान 8.6 गुना अधिक है।
- इसे अपने तारे की एक परिक्रमा पूरी करने में 32.9 दिन लगते हैं।
- K2-18 b के वायुमंडल में मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और विशेष रूप से, डाइमिथाइल सल्फाइड (डीएमएस) है, जो पृथ्वी पर जीवन से जुड़ा एक अणु है।
एक्सोप्लैनेट या एक्स्ट्रासोलर ग्रह क्या होता है?
- एक एक्सोप्लैनेट या एक्स्ट्रासोलर ग्रह, सौर मंडल के बाहर का ग्रह होता है।