खबरों में क्यों?
- कर्नाटक वन विभाग ने वन अतिक्रमण, अवैध वृक्ष कटाई, अवैध शिकार और वन क्षेत्रों में अनधिकृत प्रवेश पर अंकुश लगाने के लिए ‘गरुड़ाक्षी’ ऑनलाइन एफआईआर प्रणाली शुरू की है।
पायलट आधार पर शुरुआत
- शुरुआत में, गरुड़क्षी को बेंगलुरु शहरी प्रभाग, बेंगलुरु वन मोबाइल स्क्वाड प्रभाग, भद्रावती प्रभाग, सिरसी प्रभाग और माले महादेश्वर वन्यजीव प्रभाग में पायलट आधार पर लॉन्च किया जाएगा ।
- इसके उपरांत विभाग के कर्मचारियों से मिलने वाली प्रतिक्रिया के आधार पर, सॉफ्टवेयर को आगे बढ़ाया जाएगा और चरणबद्ध तरीके से राज्य भर के सभी वन प्रभागों में विस्तारित किया जाएगा।
सॉफ्टवेयर की उपयोगिता
- ऑनलाइन सिस्टम अब अधिकारियों को कहीं से भी दायर किए गए चार्जशीट और लंबित मामलों की संख्या को ट्रैक करने में सक्षम बनाएगा।
- वरिष्ठ अधिकारी सभी डिवीजनों में सभी मामलों पर नज़र रख सकते हैं।”
- शिकायतकर्ताओं को एफआईआर की प्रतियां मिलेंगी और वे यह भी जांच सकेंगे कि चार्जशीट दाखिल की गई है या नहीं।
- इस प्रक्रिया से लंबे समय से लंबित मामलों को कम करने में मदद मिलेगी, क्योंकि उच्च न्यायालय ने भी इस मामले पर निर्देश जारी किए हैं।
- नई प्रणाली में RFO से डिजिटल हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है, जिससे उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित होता है। पहले, रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (RFO) से नीचे के अधिकारियों को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार था, जिसके कारण अक्सर तकनीकी कारणों से अदालत में मामले खारिज हो जाते थे।
- प्रारंभिक चरण में लगभग 40,000 मामलों का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है।