खबरों में क्यों?
- देश के प्रथम गांव माणा में स्थित केशव प्रयाग में 12 वर्ष बाद आयोजित हुए पुष्कर कुंभ का शुभारंभ 15 मई, 2025 को हुआ। यह 26 मई, 2025 तक चलेगा।
केशव प्रयाग
- केशव प्रयाग, अलकनंदा और सरस्वती नदी का संगम है।
- यह उत्तराखण्ड के माणा गांव में स्थिति है।
- पुष्कर कुंभ में शामिल होने के लिए हज़ारों वैष्णव भक्त आते हैं, जो मानते हैं कि इसमें भाग लेने से आत्मा शुद्ध होती है और मोक्ष मिलता है।
- इस उत्सव में दक्षिण भारत के श्रद्धालु अधिक संख्या में पहुंचते हैं।
महत्व
- माणा गांव महाभारत की रचना करने वाले महर्षि वेद व्यास से जुड़ा हुआ है। यह भी माना जाता है कि दक्षिण भारत के प्रसिद्ध विद्वान रामानुजाचार्य और माधवाचार्य ने इसी स्थान पर देवी सरस्वती से दिव्य ज्ञान प्राप्त किया था।
- प्रयागराज और हरिद्वार जैसे शहरों में बड़े कुंभ मेलों के विपरीत, माना में पुष्कर कुंभ अधिक अंतरंग आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। यह उत्तरी और दक्षिणी भारत के बीच एक सार्थक संबंध बनाता है। इस आयोजन का उद्देश्य देश की आध्यात्मिक एकता को बढ़ाते हुए सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है।

