- मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में ईको पर्यटन विकास बोर्ड, ईको पर्यटन केंद्र और पर्यटन विभाग द्वारा जंगल लाज का निर्माण किया जाएगा।
- कूनो के ससइपुरा में बैंगलुरु की तर्ज पर आठ कक्ष का जंगल लाज का भी निर्माण किया जायेगा। जहां बेड, शौचालय सहित आरामदायक सुविधा उपलब्ध होगी।
- जहाँ पर्यटक, प्रकृति को करीब से अनुभूत कर सकें, इससे पर्यटन को भी बढ़वा मिलेगा।
- स्मरणीय हो कि कूनो नेशनल पार्क विदेश से लाए गए चीतों का भारत में एकमात्र रहवास स्थल है।
पालपुर कुनो राष्ट्रीय उद्यान
- 1981 में – अभयारण्य
- 2018 में – राष्ट्रीय उद्यान घोषित।
- पालपुर कुनो उद्यान ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है। इसमे से कुनो नदी बहती है।
- यहाँ पर कभी एशियाई शेर थे। यहाँ सहरिया जनजाति का निवास है।
- पालपुर कुन के तहत निम्नलिखित क्षेत्र शामिल किया गया है-
- पालपुर कुनो अभ्यारण्य (श्योपुर) एवं करेरा अभयारण्य (शिवपुरी) का संपूर्ण भाग इस राष्ट्रीय उद्यान में शामिल है। करेरा (शिवपुरी) अभयारण्य भी बना रहेगा।
- इसमे सोन चिड़िया अभयारण्य घाँटीगांव का आशिक भाग सामिल है।
- रामपानी एवं नरसिंहगढ़ अभयारण्य का कुछ भाग कुनो राष्ट्रीय उद्यान के लिये आरक्षित किया गया।
- नौरादेही अभयारण्य (सागर) का कुछ भाग कुनो राष्ट्रीय उद्यान के प्रबंधकीय कार्यालय हेतु आरक्षित।
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का 23.13 वर्ग किमी भाग मत्स्याखेट हेतु कुनो राष्ट्रीय उद्यान के लिये आरक्षित।
- भविष्य में सरदारपुर (धार) एवं अन्य क्षेत्रों से आशिक भाग कुनो राष्ट्रीय उद्यान में शामिल होंगे।
- पालपुर कुनो का प्रशासनिक मुख्यालय कुनो अभयारण्य क्षेत्र में है, किन्तु इसका मुख्य विस्तार कुनो एवं करेरा, दोनो अभयारण्यों के संपूर्ण भांग तक है।
- यहाँ नामीबिया से 2022 को चीते लाये गये। जिन्हें सितम्बर 2022 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कुनो में छोड़ा गया।
- यहाँ गुजरात के गिर शेरों को बसाने की भी योजना है।