लॉन्च इवेंट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में ‘संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वर्ष 2025’ की शुरुआत करेंगे, जिससे सहकारी आंदोलनों को वैश्विक मान्यता मिलेगी।
सहकारी आंदोलन का महत्व: इस वर्ष का मुख्य उद्देश्य सहकारी संस्थाओं के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। यह पहल ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, और सामुदायिक उद्यमिता को मजबूत करेगी।
राष्ट्रीय सहकारी नीति: भारत सरकार ने इस अवसर पर नई राष्ट्रीय सहकारी नीति की घोषणा की है, जो सहकारी संस्थाओं के लिए वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण कार्यक्रम, और तकनीकी समर्थन प्रदान करेगी, ताकि वे और अधिक प्रभावी और टिकाऊ बन सकें।
संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वर्ष: संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रत्येक वर्ष किसी विशेष क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए घोषित किया जाता है। यह वर्ष वैश्विक स्तर पर उस क्षेत्र के महत्व को उजागर करने और संबंधित नीतियों को प्रोत्साहित करने का माध्यम होता है।सहकारी आंदोलन का इतिहास: सहकारी आंदोलन की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी, जब मजदूरों ने आर्थिक सुधार के लिए सहकारी समितियों का गठन किया। यह आंदोलन आज भी समाज के विभिन्न वर्गों में आर्थिक सशक्तिकरण और सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।