भू-आकृति विज्ञान : पृथ्वी की सतह और भू-आकृतियों का अध्ययन एक ऐसी पुस्तक है जो पाठकों को धरती के रहस्यमयी स्वरूप और उसकी निरंतर बदलती सतह की यात्रा पर ले जाती है। यह पुस्तक न केवल भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology) के मूलभूत सिद्धांतों को सरल भाषा में समझाती है, बल्कि आधुनिक अनुसंधान, क्षेत्रीय अध्ययन और मानव हस्तक्षेप के प्रभावों को भी गहराई से प्रस्तुत करती है।
पर्वतों की भव्यता, नदियों का जीवनदायिनी प्रवाह, हिमनदों की ठंडी धाराएँ, मरुस्थलों की रेत की लहरें, समुद्र तटों की निरंतर बदलती रेखाएँ और विवर्तनिक शक्तियों से बनी नई-नई भू-आकृतियाँ—इन सभी को यह पुस्तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ-साथ रोचक उदाहरणों द्वारा विस्तार से समझाती है।
पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ:
व्यापक सामग्री – अपक्षय, अपरदन, निक्षेपण, भू-आकृति चक्र, विवर्तनिक प्रक्रियाएँ, जलवायु परिवर्तन और मानवजनित प्रभाव जैसे सभी प्रमुख पहलुओं का विस्तृत अध्ययन।
सरल एवं स्पष्ट भाषा – कठिन वैज्ञानिक अवधारणाओं को सरल, व्यवस्थित और सुगम शैली में प्रस्तुत किया गया है।
दृश्यात्मक प्रस्तुति – आरेखों, चित्रों, मानचित्रों और केस-स्टडी के माध्यम से विषय को जीवंत बनाया गया है।
आधुनिक दृष्टिकोण – नवीन शोध, पर्यावरणीय चुनौतियों, प्राकृतिक आपदाओं (भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, तटीय क्षरण आदि) और उनके प्रबंधन पर विशेष फोकस।
प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु उपयोगी – UPSC, UGC-NET, PGT/TGT, राज्य लोक सेवा आयोग और विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाओं के लिए एक प्रामाणिक व विश्वसनीय स्रोत।
शोध एवं अकादमिक योगदान – भूगोल, भूविज्ञान, पर्यावरण विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान से जुड़े शोधार्थियों और अध्येताओं के लिए अनिवार्य संदर्भ सामग्री।






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