
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि SC/ST और अन्य आरक्षित वर्गों के वे उम्मीदवार, जिन्होंने भर्ती प्रक्रिया में कोई भी रियायत (Relaxation) ली है, उन्हें सामान्य (General) श्रेणी की सीटों के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। यह निर्णय भविष्य की भर्ती प्रक्रियाओं और आरक्षण नीति के अनुपालन में बेहद अहम माना जा रहा है।
मामला क्या था?
- रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) की भर्ती अधिसूचना में सामान्य और आरक्षित श्रेणियों के लिए अलग-अलग सीटें निर्धारित थीं।
इस भर्ती में कई SC/ST उम्मीदवारों ने आवेदन किया और उन्हें निम्न रियायतें प्रदान की गईं: - आयु सीमा में छूट (Age Relaxation)
- शारीरिक माप में छूट (Physical Measurement Relaxation)
- अन्य पात्रता मानदंडों में छूट
- इन उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की और कुछ मामलों में उनके अंक सामान्य श्रेणी के अंतिम चयनित उम्मीदवारों से भी अधिक थे। इसके आधार पर उन्होंने दावा किया कि उन्हें सामान्य श्रेणी की सीटों पर भी चुना जाना चाहिए।
मुख्य विवाद
- मुख्य प्रश्न यह उठा कि – क्या SC/ST उम्मीदवार, जिन्होंने भर्ती प्रक्रिया में Relaxation (छूट) ली है, वे सामान्य श्रेणी की सीटों पर दावा कर सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट का अवलोकन और व्याख्या
सुप्रीम कोर्ट ने अपने विस्तृत फैसले में निम्न बिंदुओं पर जोर दिया:
Standing Order No. 85 (Paragraph 14(f))
- यह आदेश स्पष्ट करता है कि केवल वही आरक्षित वर्ग उम्मीदवार, जिन्होंने कोई भी रियायत नहीं ली हो, उन्हें सामान्य श्रेणी की सीटों पर माना जा सकता है।
- यदि उम्मीदवार ने उम्र, शारीरिक माप या अन्य किसी भी प्रकार की छूट ली है, तो वह केवल आरक्षित कोटे की सीट के लिए ही पात्र होगा।
Order No. 78 बनाम Order No. 85
- याचिकाकर्ताओं ने पुराने Standing Order No. 78 का हवाला दिया, जिसमें यह प्रावधान स्पष्ट नहीं था।
- लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूँकि Order No. 85 बाद में जारी हुआ है और इसमें स्थिति स्पष्ट कर दी गई है, इसलिए वही लागू होगा।
“Jitendra Kumar Singh vs State of UP (2010)” मामले से अंतर
- हाईकोर्ट ने पहले यह फैसला दिया था कि SC/ST उम्मीदवार सामान्य श्रेणी की सीटों पर भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
- लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 2010 के मामले में भर्ती नियमों में कोई रोक नहीं थी।
- जबकि RPF भर्ती नियमों (Order No. 85) में साफ-साफ प्रावधान है कि छूट लेने वाले उम्मीदवार सामान्य श्रेणी में नहीं जा सकते।
सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय
- SC/ST और अन्य आरक्षित वर्गों के उम्मीदवार यदि भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की रियायत (Relaxation) लेते हैं, तो वे सामान्य श्रेणी की सीटों के लिए पात्र नहीं होंगे।
- केवल वे उम्मीदवार, जो बिना किसी छूट के परीक्षा में सामान्य श्रेणी के बराबर प्रतिस्पर्धा करते हैं, वही सामान्य सीटों पर दावा कर सकते हैं।
इस फैसले का महत्व
- यह फैसला आरक्षण नीति और सामान्य श्रेणी की प्रतिस्पर्धा दोनों के बीच स्पष्ट सीमा तय करता है।
- भविष्य की भर्तियों में यह निर्णय एक नज़ीर (Judicial Precedent) बनकर काम करेगा।
- यह सुनिश्चित करेगा कि सामान्य श्रेणी की सीटों पर केवल वे उम्मीदवार आएँ जो पूरी तरह बिना छूट लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।
- यह फैसला न्यायिक व्याख्या (Judicial Interpretation) का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें नियमों की भाषा और उद्देश्य को प्राथमिकता दी गई।