चर्चा में क्यों ?
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) ने उत्तर प्रदेश के तीन जिलाधिकारियों और राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कछुआ वन्यजीव अभ्यारण्य (Turtle Wildlife Sanctuary) में खनन को लापरवाही से मंजूरी देने के लिए आलोचना की।
कछुआ वन्यजीव अभ्यारण्य
- कछुआ वन्यजीव अभ्यारण्य, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है।
- यह भारत का पहला मीठे पानी का कछुआ अभ्यारण्य है, जो गंगा नदी के 7 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है।
- इस अभ्यारण्य का निर्माण कछुओं की रक्षा के लिए किया गया था, जिन्हें गंगा कार्य योजना के तहत गंगा में अधजले मानव अवशेषों को प्राकृतिक रूप से विघटित करने में मदद करने के लिए छोड़ा गया था।
- सारनाथ में कछुओं के बच्चे पैदा किए जाते हैं, जहाँ हर साल चंबल और यमुना नदियों से 2,000 अंडे लाए जाते हैं।
- इस अभ्यारण्य में गंगा की डॉल्फ़िन, विविध कछुए और रोहू और टेंगरा जैसी मछली प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं।