- WHO द्वारा जारी एक तकनीकी रिपोर्ट ‘Application of Artificial Intelligence (AI) in Traditional Medicine’ में पारंपरिक चिकित्सा में AI के प्रयोग को लेकर भारत के योगदान को सराहा गया है।
- रिपोर्ट में बताया गया कि भारत पारंपरिक चिकित्सा में AI को एकीकृत करने वाला अग्रणी देश है।
- भारत का दृष्टिकोण सभी के लिए AI” (AI for All) डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार और पारंपरिक चिकित्सा के समन्वय में उसकी ‘वैश्विक नेतृत्व क्षमता’ को दर्शाता है।
भारत की मान्यता प्राप्त पहलें (Recognized Initiatives of India)*
- आयुर्जेनोमिक्स (Ayurgenomics)
- यह एक वैज्ञानिक प्रयास है जो आयुर्वेद और जीनोमिक्स (genomics) को जोड़ता है।
- इसका उद्देश्य व्यक्तिगत स्वास्थ्य सिफारिशें देना और रोगों के पूर्व संकेतकों की पहचान करना है
- यह व्यक्तिकृत चिकित्सा (Personalized Medicine) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (TKDL)
- TKDL की स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी।
- इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) तथा आयुष मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया।
- यह एक डिजिटल डेटाबेस है जो भारतीय पारंपरिक ज्ञान जैसे आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, आदि को दुरुपयोग और गलत पेटेंट से बचाने में मदद करता है।
- यह वैश्विक पेटेंट कार्यालयों को संदिग्ध या अनुचित पेटेंट को रोकने में सहायता करता है।
- आयुष ग्रिड (AYUSH Grid)
- आयुष मंत्रालय द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है।
- इसके अंतर्गत निम्नलिखित AI-सक्षम नागरिक सेवाएँ शामिल हैं:
- SAHI (Showcase Ayurvedic Historical Imprints): यह पारंपरिक चिकित्सा के ऐतिहासिक दस्तावेजों को डिजिटाइज़ करता है।
- NAMASTE (National AYUSH Morbidity and Standardized Terminologies Electronic Portal): यह रोगों और चिकित्सा शब्दावली का डिजिटलीकरण करता है।
- AYUSH Research Portal: यह अनुसंधान-आधारित डेटा और परिणामों को डिजिटल रूप में संग्रहित करता है।
पारंपरिक चिकित्सा में AI के प्रयोग (Application of AI in Traditional Medicine)
- भारत में AI का प्रयोग पारंपरिक औषधियों की प्रभावशीलता को ट्रैक करने और उनके असर के मार्गों का विश्लेषण करने के लिए किया जा रहा है।
- आधुनिक तकनीक जैसे कृत्रिम सेंसर का प्रयोग करके पारंपरिक चिकित्सा की अवधारणाओं जैसे – रस (स्वाद), गुण (विशेषताएँ), वीर्य (शक्ति या प्रभाव) का विज्ञानसम्मत विश्लेषण किया जा रहा है।
- AI का उपयोग रोगी की प्रकृति, लक्षणों और पारंपरिक ज्ञान के आधार पर *व्यक्तिगत उपचार योजना बनाने में हो रहा है।