- दिल्ली के DDA यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में चमगादड़ की नई प्रजाति देखी गई है, जो कीबेहद दुर्लभ है।
- इससे पहले दिल्ली में चमगादड़ों की 13 प्रजातियां पाई जाती थी, लेकिन इस नई प्रजाति के मिलने से अब दिल्ली में चमगादड़ों की प्रजातियां की संख्या बढ़कर 14 हो गई है।
- दिल्ली में मिली इस प्रजाति को रॉटन फ्री- टेल्ड बैट कहा जाता है।
‘रॉटन फ्री- टेल्ड बैट’
- चमगादड़ों की यह प्रजाति आमतौर पर वैश्विक स्तर पर केवल तीन स्थानों पर पाई जाती है जो है – पश्चिमी घाट, मेघालय की जयंतियां हिल्स और कंबोडिया।
- पहली बार इस प्रजाति को 1913 में ब्रिटिश प्राणीविज्ञानी डॉक्टर एम.आर. ओल्डफील्ड थॉमस द्वारा खोजा गया था।
‘रॉटन फ्री- टेल्ड बैट’ प्रजाति की विशेषताएँ
- इस प्रजाति की खास बात यह है कि यह आम चमगादड़ों से आकर में कहीं ज्यादा बड़ा होता है।
- इसके कानों का आकार भी अलग होता है।
- इनके मखमली फॉर होते हैं।
- इनमें दो रंगों का मिश्रण पाया जाता है।
- सबसे खास बात यह है कि चमगादड़ किस प्रजाति में पूछ नहीं होती।
- यह चमगादड़ तगड़े और शक्तिशाली उडान भरने वाले होते हैं।
- यह कीटभक्षी होते हैं और पंखों पर अपना भोजन पकाते हैं।
- यह गुफाओं और अंधेरी सरको में रहते हैं।
चमगादड़ों के बारे मे
- चमगादड़ों के पैरों और त्वचा पर परजीवी मक्खियां और अनेक प्रकार के वायरस जैसे – इबोला, निपाह और मारबर्ग।
- इतना ही नहीं कोविड-19 वायरस के फैलने पर भी यह कहा गया था कि चमगादड़ों के जरिए ही इंसानों में फैला है।
- आईयूसीएन रेड लिस्ट में चमगादड़ों को सबसे कम चिंताजनक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
चमगादड़ों से बचाव
- चमगादड़ों को घर से दूर रखने के लिए खिड़कियों पर जाली लगाएं और चिमनी और स्क्रीन वेंट पर कैंप लगाए।