
- पिंगली वेंकैया की 149वीं जन्म जयंती 2 अगस्त 2025 को मनाई गई। इस अवसर पर विशाखापट्टनम में 149 फुट लंबा राष्ट्रीय ध्वज फहराकर एक भव्य रैली आयोजित की गई।
- याद हो पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त 1876 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिला के भट्लापेनुमरू (निकट मछलीपट्टनम) में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- 19 वर्ष की आयु में उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल होकर दक्षिण अफ्रीका में बोअर युद्ध में सेवा की, जहाँ उन्होंने महात्मा गांधी से पहली बार मुलाकात की ।
- 1906-11 के दौरान उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय ध्वजों का अध्ययन करते हुए भारत के लिए एक स्वतंत्र ध्वज की आवश्यकता महसूस की ।
- 1921 में विजयवाड़ा सत्र में महात्मा गांधी ने उन्हें राष्ट्रीय ध्वज बनाने का सुझाव दिया। पिंगली वेंकैया ने तीन घंटे के भीतर लाल और हरे पट्टों वाला प्रारूप प्रस्तुत किया।
- जिसमें बाद में शांति प्रतीक सफेद पट्टी और स्वराज दर्शन हेतु चरखा जोड़ा गया ।

- जीवन के अंत तक पिंगली वेंकैया को राष्ट्रीय पहचान कम और गरीबी ज़्यादा मिली। वे 4 जुलाई 1963 को निधन हुआ ।
- भारत सरकार ने 2009 में उन्हें सम्मानित करने हेतु डाक टिकट जारी किया। 2012 में उनके नाम से भारत रत्न की सिफारिश भी की गई थी, लेकिन औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया ।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास
- 1921 में विजयवाड़ा सत्र में पिंगली वेंकैया द्वारा प्रस्तुत किया प्रारूप में, बाद में शांति प्रतीक सफेद पट्टी और स्वराज दर्शन हेतु चरखा जोड़ा गया ।

- 1931 में कांग्रेस द्वारा झण्डे में करवाए गए संशोधन में लाल रंग की जगह केसरिया रंग को शामिल किया गया। सफेद, हरित और केसरिया तीन‑पट्टियों वाला तिरंगा और बीच में चरखा रखा गया ।

- आजाद भारत की प्रक्रिया के दौरान राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जिस पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को सकारात्मक रुप से बदलाव के बाद चुनने के जिम्मेदारी दी गई। बाद में इस कमेटी ने चरखे को हटा कर अशोक चक्र को अपना लिया।
- भारतीय संविधान सभा ने 22 जुलाई 1947 को इस ध्वज को स्वतंत्र भारत का आधिकारिक राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया ।
- भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग की क्षैतिज पट्टियां हैं, सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी और ये तीनों समानुपात में हैं।
- ध्वज की चौड़ाई का अनुपात इसकी लंबाई के साथ 2 और 3 का है।
- सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है। यह चक्र अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है। इसका व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है और इसमें 24 तीलियां है।
