चर्चा में क्यों
- भारत ने UN शान्ति सेना की सुरक्षा को लेकर कडी चिन्ता जाहिर की है। हाल ही में दक्षिण लेबनान में तैनात UN शान्ति सेना UNIFIL (United Nations Interim forces in Lebanon), इस्राइल के लगातार हो रहे हमलों की चपेट में आयी। I इस्राइल – लेबनान के 120 किमी. लम्बे ब्लूलाइन बॉर्डर पर तैनात शांति सेना में 600 भारतीय सैनिक भी शामिल हैं।
UN शान्ति सेना UNIFIL (United Nations Interim forces in Lebanon)
- लेबनान में 1978 के इजराइली आक्रमण के बाद इसका गठन किया गया।
- UNIFIL को इस्राइल – लेबनान ब्लू लाइन बॉर्डर के पास दक्षिणी लेबनान में तैनात किया गया है।
- इसका हेड क्वार्टर दक्षिणी लेबनान के नाकोरा (Naqoura) में है।
- मेजबान देश लेबनान की सहमति से इसकी तैनाती की गई है।
- इसमें लगभग 50 देशों के 10000 शांति रक्षक (जिसमें सैनिक व नागरिक दोनों ही) शामिल है। शांति सैनिक हथियारों से लैस है, पर यह हथियारों का प्रयोग सिर्फ नागरिक सुरक्षा खतरे में होने पर या स्वयं की सुरक्षा खतरे में होने पर ही कर सकते हैं।
UN शान्ति सेना (UNIFIL) के कार्य
- 121 किलोमीटर ब्लू लाइन बॉर्डर पर युद्ध रोक कर शांति स्थापित करना।
- यह सुनिश्चित करना कि इस क्षेत्र में कोई भी हथियार या लड़ाकू ना हो।
- हिंसा की घटनाओं की रिपोर्टिंग UN को देना।
UN शान्ति सेना UNIFIL के शुरुआती लक्ष्य
- इस्राइली सेनन का लेबनान से बाहर लाना सुनिश्चित करना।
- अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा स्थापित करना
- दक्षिणी लेबनान पर पुनः नियंत्रण स्थापित करने में लेबनानी सरकार की सहायता करना।
UN शान्ति सेना UNIFIL का महत्व
- संघर्ष रोकना – यह ब्लू लाइन की देखरेख करती है और इस्राइल – लेबनान के बीच संघर्ष रोकने का कार्य करती है।
- नागरिक सुरक्षा– मानवीय सहायता व नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- लेबनान की सहायता – लेबनान में सरकार व सुरक्षा बलों की दक्षिणी लेबनान पर पुनः नियंत्रण में सहायता करना।
