- आन्ध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 (Andhra Pradesh Reorganisation Act 2014) के बाद तेलंगाना नया राज्य (29 वां) बना था।
- इस अधिनियम में प्रावधान किया गया था कि हैदराबाद अधिकतम 10 वर्ष तक तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बना रहेगा।
- 2 जून, 2024 को 10 वर्ष पूर्ण होने के साथ ही हैदराबाद अब केवल तेलंगाना की राजधानी है।
- उधर आन्ध्र प्रदेश में स्थायी राजधानी का मुद्दा अभी भी पूरी तरह से हल नहीं हो सका है।
- 2015 में आन्ध्र प्रदेश में चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में सरकार बनी, जिसने अमरावती को राजधानी घोषित किया था।
- बाद में 2019 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के वाईएस जगमोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बने, इन्होने विकेन्द्रीकरण का समर्थन करते हुए थी कैपिटल फॉर्मूला दिया, जिसके तहत तीन शहरों – अमरावती (विधायी), कुरनूल (न्यायिक) तथा विशाखापट्टनम (प्रशासनिक) राजधानी, बनाने का प्रस्ताव दिया।
- कानूनी अड़चनों के कारण तीन राजधानियाँ बनाने के प्रस्ताव का मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है।
- 2 जून, 2024 को 10 वर्ष पूर्ण होने के साथ ही हैदराबाद अब केवल तेलंगाना की राजधानी है।
- विधानसभा चुनाव – 2024 के चुनावों के बाद चन्द्रबाबू नायडू पुनः मुख्यमंत्री बने हैं। और इन्होने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से एक दिन पहले ही थी कैपिटल फॉर्मूला ठुकरा दिया तथा अमरावती को ही राजधानी बनाने की घोषणा की है।
- वर्तमान में अमरावती ही आन्ध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में संचालित है।