मध्यप्रदेश अब साल और सागौन जैसे महंगे वनोपज के साथ-साथ चंदन के वृक्षों के लिए भी प्रसिद्ध होने जा रहा है। वन विभाग द्वारा चंदन उत्पादन के लिए एक विशेष योजना तैयार की गई है। इस योजना का प्रयोगात्मक रूप से क्रियान्वयन बैतूल जिले में किया जायेगा। योजना के अंतर्गत बैतूल में लगभग 15 हेक्टेयर भूमि पर सफ़ेद चंदन के पौधे लगाए जाएंगे। अनुमान है कि लगभग 15 वर्षों के बाद राज्य में 90 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का चंदन प्राप्त होगा।
वन्य विशेषज्ञों के अनुसार मध्यप्रदेश की जलवायु चंदन की खेती के लिए पूरी तरह अनुकूल है। अब भारत सरकार की 2021 की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी किसान चंदन की खेती कर सकता है। किसानों को बांस की तरह चंदन की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

योजना को विस्तार देकर चंदन की खेती न केवल बैतूल बल्कि भोपाल, विदिशा, रायसेन और छिंदवाड़ा जैसे जिलों में भी की जाएगी।
चंदन के पौधों की सुरक्षा के लिए चारों ओर मजबूत चैनल फेंसिंग की जाएगी। इन पौधों को निगम के डिपो और नर्सरी के पास ही लगाया जाएगा ताकि उनकी देखभाल बेहतर हो सके। चंदन की सुरक्षा के लिए 6 से 7 साल बाद डॉग स्क्वायड, सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन तकनीक की मदद ली जाएगी।
चंदन के करीब 10,000 पौधे बेंगलुरु से खरीदे गए हैं, जिनका बीज स्रोत केरल है। इस योजना का उद्देश्य मध्यप्रदेश को भी कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु की तरह चंदन उत्पादक राज्य के रूप में स्थापित करना है।