
चर्चा में क्यों रहा ?
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग की अवधि (2021–22 से 2025–26) के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के तहत कुल ₹6,520 करोड़ के व्यय को मंजूरी प्रदान की है।
- जिसमें ₹1,920 करोड़ की अतिरिक्त राशि खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचना और सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने में खर्च होगी।
- खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचना और सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने हेतु – (i) एकीकृत शीत शृंखला और मूल्य संवर्द्धन अवसंरचना (ICCVAI) के तहत 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन यूनिट और (ii) फूड सेफ्टी और क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर (FSQAI) के तहत 100 NABL-स्वीकृत फूड टेस्टिंग लैब्स स्थापित किये जायेंगे।
फूड इरेडिएशन यूनिट
- फूड इरेडिएशन यूनिट, या खाद्य विकिरण इकाई, एक ऐसी सुविधा है जो खाद्य पदार्थों को विकिरण के संपर्क में लाकर उन्हें परिरक्षित करती है। यह प्रक्रिया, जिसे “खाद्य विकिरण” भी कहा जाता है, खाद्य पदार्थों में मौजूद कीटाणुओं, कीड़ों और अन्य सूक्ष्मजीवों को नष्ट करके उनकी शेल्फ लाइफ (शेल्फ लाइफ का मतलब है कि कोई वस्तु कितने समय तक उपयोग के योग्य रहती है) को बढ़ाती है।
- विकिरणित खाद्य पदार्थ रेडियोधर्मी नहीं होते हैं और मानव उपभोग के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।
- खाद्य विकिरण में आमतौर पर गामा किरणें (कोबाल्ट-60 या सीज़ियम-137 से), इलेक्ट्रॉन किरणें, या एक्स-रे का उपयोग किया जाता है।
- खाद्य विकिरण का उपयोग फलों, सब्जियों, मसालों, मांस, और अन्य खाद्य पदार्थों के शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
फूड टेस्टिंग लैब्स
- फूड टेस्टिंग लैब्स (Food Testing Labs) खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण करती हैं। ये लैब्स विभिन्न प्रकार के परीक्षण करती हैं, जैसे कि रासायनिक, सूक्ष्मजैविक, और पोषण संबंधी परीक्षण, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाद्य पदार्थ उपभोग के लिए सुरक्षित हैं।
- NABL, भारत में परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं को मान्यता देने वाला एक स्वायत्त निकाय है। NABL सुनिश्चित करता है कि ये प्रयोगशालाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती हैं, जिससे परीक्षण परिणामों की विश्वसनीयता और सटीकता में वृद्धि होती है।
- NABL National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना
- यह एक समग्र (कॉम्पोजिट) योजना है, जिसका उद्देश्य खेत से बाज़ार तक की आपूर्ति शृंखला प्रबंधन को दक्षता से संचालित करने हेतु आधुनिक बुनियादी ढाँचा तैयार करना है
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के मुख्य घटक:
- मेगा फूड पार्क्स
- एकीकृत शीत श्रृंखला और मूल्य संवर्द्धन अवसंरचना (ICCVAI)
- कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर्स हेतु अवसंरचना
- बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकजेस का निर्माण
- खाद्य प्रसंस्करण एवं संरक्षण क्षमता का विस्तार
- खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना (FSQAI)
- मानव संसाधन विकास एवं संस्थान
- इस योजना का उद्देश्य आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचना का निर्माण करना, आपूर्ति शृंखला को सशक्त बनाना, कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन करना, किसानों को बेहतर लाभ दिलाना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार उत्पन्न करना है।
मेगा फूड पार्क्स
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा बर्ष 2008 में मेगा फूड पार्क योजना की शुरुआत की गयी।
- इस योजना के तहत 42 मेगा फूड पार्क स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था।
- मेगा फूड पार्क का विकास ‘कलस्टर आधारित दृष्टिकोण’ पर किया जा रहा है। एक मेगा फूड पार्क में – कलेक्शन सेंटर, प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर तथा सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर शामिल होते हैं।
- प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर का कार्य उत्पादकों एवं प्रसंस्करणकर्ताओं के बीच संपर्क स्थापित करना है, ताकि सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर को आपूर्ती निर्बाध रूप से होती रहे।
मेगा फूड पार्क के उद्देश्य
- किसानों, प्रसंस्करण कर्ताओं, खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाना, जिससे कृषि उत्पादों को एक तंत्र से जोड़ा जा सके।
- किसानों की आय बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करने पर जोर देना।
याद रहे केंद्र सरकार, प्रति मेगा फूड पार्क परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
अब तक निम्नलिखित 24 मेगा फूड कार्यशील हो चुके हैं। यह भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन के अनुरूप है।
- स्रीनी मेगा फूड पार्क, चित्तूर, आंध्र प्रदेश – भारत का पहला मेगा फूड पार्क
- गोदवारी मेगा एक्वा पार्क, पश्चिम गोदावरी, आंध्र प्रदेश
- नार्थ इस्ट मेगा फूड पार्क, नलबाड़ी, असम
- इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क, रायपुर, छत्तीसगढ़
- गुजरात एग्रो मेगा फूड पार्क, सूरत, गुजरात
- क्रेमिका मेगा फूड पार्क, ऊना, हिमाचल प्रदेश
- इंटिग्रेटेड मेगा फूड पार्क, तुमकुर, कर्नाटक
- केरल औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (के आई एन एफ़ आर ए) मेगा फूड पार्क, पलक्कड़, केरल
- इंडस मेगा फूड पार्क, खरगौन, मध्य प्रदेश
- अवंती मेगा फूड पार्क, देवास, मध्य प्रदेश
- पैथन मेगा फूड पार्क, औरंगाबाद, महाराष्ट्र
- सतारा मेगा फूड पार्क, सतारा, महाराष्ट्र
- 13.ज़ोरम मेगा फ़ूड पार्क, कोलासिब, मिज़ोरम
- एमआईटीएस मेगा फूड पार्क, रायगढ़, ओडिशा
- इंटरनेशनल मेगा फूड पार्क, फज्जिलका, पंजाब
- सुखजीत मेगा फूड पार्क, कपूरथला, पंजाब
- ग्रीनेटक मेगा फूड पार्क, अजमेर, राजस्थान
- स्मार्ट एग्रो मेगा फूड पार्क, निजामाबाद, तेलंगाना
- त्रिपुरा मेगा फूड पार्क, पश्चिम त्रिपुरा, त्रिपुरा
- पतंजली फूड एंड हर्बल पार्क, हरिद्वार, उत्तराखंड
- हिमालयन मेगा फूड पार्क, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
- जंगीपुर बंगाल मेगा फूड पार्क, मुर्शीदाबाद, पश्चिम बंगाल
- हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी), हरियाणा
- केरल राज्य औद्योगिक देव कॉर्प लिमिटेड (केएसआईडीसी), अलाप्पुझा, केरल
मध्य प्रदेश में 2 मेगा फूड पार्क के साथ साथ 7 फूड पार्क भी स्थापित हैं
1. मनेरी – मंडला
2. बोरगांवं – छिंदवाडा
3. मालनपुर – भिण्ड
4. निमरानी – खरगोन
5. जगा खेडी- मंदसौर
6. पिपरिया-बाबई – होशंगाबाद
7. बरोदी- शिवपुरी